Behan ki chudai

मेरी बहन, डिम्पी (नाम बदला हुआ है, पर इस कहानी में फुल फिट बैठी है), एकदम मस्त और चुदक्कड़ लड़की है!

हुआ ऐसा कि गांव से मेरी बहन हमारे यहां रहने के लिए आयी थी। उसकी शादी होने वाली थी, तो वो कुछ समय हमारे साथ बिताना चाहती थी। शादी से पहले थोड़ी सी आज़ादी जी लेना चाहती थी शायद! मेरी रंडी माँ और मेरी रंडी बहन दोनों की एक दूसरे से खूब जमती थी। मेरी रंडी बहन भी यहां पे आ चुकी थी, और वो देखने में और ज्यादा खुबसूरत हो गई थी आखिरी बार से। उसका फिगर अब एकदम टाइट हो गया था – गोरी-चिट्टी, बड़े-बड़े चूचे, और मोटी गांड – देखके ही लंड खड़ा हो जायेगा!

वो सारा दिन बैठी रहती थी, तो पापा ने बोला, “डिंपी, तुम कोई ब्यूटी कोर्स क्यों नहीं कर लेती हो? शादी के बाद तुम्हारे काम आ जाएगा।” ये सोच कर मेरे पापा ने उनको एक ब्यूटी कोर्स करने के लिए बोला। पापा का आइडिया था कि थोड़ी स्किल सीख लो, फ्यूचर में काम आएगी। थोड़ा बहुत तो दीदी ने सिखाया ही हुआ था – मेरी माँ के सिफ़ारिश पर उन्हें एक स्पा में नौकरी मिल गई।

मेरे पापा इस जॉब के विरोध में हैं, मगर मम्मी और दीदी ने बहुत ज़ोर दिया तो पापा मान गये। पापा बोले, “ठीक है, पर अपना ध्यान रखना।” दीदी सुबह ही स्पा के लिए निकल जाती थी। वहां पे जाकर फेशियल वागैरा सब करती थी – लड़कियों के चेहरे सुंदर बनती थी, और खुद भी एकदम हॉट लगती थी। धीरे-धीरे हम देखने लगे कि दीदी बहुत सारा पैसा घर पे लेकर आती थी – इतनी तो उनकी सैलरी भी नहीं थी जितने ज्यादा पैसे वो लाती थी। पापा पूछते भी, “देखो, इतने पैसे कहाँ से आ रहे हैं?” दीदी कुछ नहीं बोलती थी और कहती थी, “वहां पे लड़कियों का मेकअप करते हैं, वहीं लोग खुश होकर दे देते हैं। वहां पे अमीर औरतें आती हैं अपने मेकअप के लिए।” पापा ने कुछ नहीं कहा, पर उनका शक बढ़ गया।

मगर एक दिन जब मैं गेम खेल रहा था, तभी अंदर मम्मी और दीदी बात कर रही थीं। तब दीदी ने मम्मी को बताया, “मैं वहां पे अपनी चुदाई करवाती हूं और उनको चुदाई का पैसा मिलता है।” ये सुनके मम्मी को गुस्सा आया और बोली, “ये क्या कर रही है तू? हमारी कितनी बदनामी होगी!” दीदी ने पलट कर जवाब दिया, “अरे चाची, अपने घर के लड़कों से चुदवाती हो तब इज्जत नहीं जाती क्या?” इसलिए मेरी दीदी और मम्मी की लड़ाई हो गई। दोनों एक दूसरे पे चिल्ला रही थी – मम्मी बोली, “तू पागल हो गई है!” और दीदी बोली, “आप भी तो वही करती हो!”

क्योंकि अब मैं उनके बारे में जान चुका था, इसलिए मैं भी एक दिन उन्हें बचपन से ही चोदना चाहता था। मगर दीदी ने कभी मुझसे अपनी चूत नहीं चुदवाई थी – इसे अच्छा कोई मौका नहीं हो सकता था। मैं हमारे स्पा सेंटर में गया और बाहर जानकरी लेने लगा। मैनेजर ने बोला, “हम लोग हैप्पी सर्विस भी देते हैं, ₹1500 के अतिरिक्त पैसे देने पर।” मैनेजर ने एक शैतानी मुस्कान दी और बोला, “सर, पूरी संतुष्टि की गारंटी है!”

मैंने हमें हैप्पी सर्विस को ले लिया। उसने फोन में लड़कियों की फोटो दिखाई – उसके अंदर एक मेरी दीदी भी थी। मैंने अपनी दीदी को सेलेक्ट किया और चला गया। दिल में एक अलग सी एक्साइटमेंट थी – अजीब सा मजा आ रहा था! मुझे कमरे में देखकर दीदी एकदुम हेयरन हो गई – उनका गला का पानी सूख गया था। उन्हें ऐसा लगा मानो कोई भूत देख लिया हो। वो बोली, “तू यहाँ क्या कर रहा है?”

मैं वही टेबल पर लेता हुआ था, अपने सारे कपड़े निकाल कर, सिर्फ तौलिये से खुद को ढका हुआ था। मैं दीदी की तरफ देखा और उनसे बोला, “कोई बात नहीं दीदी, यहीं तो आपका काम है। अपना भाई मत समझो, मुझे अपना ग्राहक समझो और बिल्कुल भी मत शर्माओ। अगर सर्विस थोड़ी भी ढीली पड़ी, तो बाहर जाकर शिकायत कर दूंगा।” मैंने थोड़ी सी से बोला ताकि वो सीरियस हो जाए।

दीदी पहले तो थोड़ा सा शर्मा रही थी। शरमाते हुए मेरे पास आई। मैंने उनका हाथ पकड़ा और अपनी जमीन पर लगा दिया। दीदी डरते-डरते मेरे लंड को पकड़ी, मगर थोड़ी देर के बाद वो खुल गई और मेरे मोटे लंड को अपने हाथों में ले लिया। वो बोली, “भाई, ये क्या कर रहा है?” पर उसकी आँखों में एक अलग सी चमक थी।

मैंने बोला, “दीदी, तुमको तो चोदने की चाहत मैंने बचपन से पाली है। आज तुमने मेरे पैसे खर्च कर दिए हैं – बाहर जाकर इतना चुदवाती हो, मुझसे फ्री में चुदवा लेती! खैर, कोई बात नहीं, पैसा दिया है तो तुझे एक रंडी की तरह चोदूंगा।” मैंने थोड़ी सी मस्ती और गुस्से के साथ बोला।

दीदी शर्मा गई और बोली, “अपनी दीदी के बारे में ऐसी बात बोलते हुए शर्म नहीं आती?” मैं थोड़ा सा उठा, सीधा उसके बालों को अपने हाथों से पकड़ा, और उसे नीचे अपनी जमीन के पास ले आया। मैंने बोला, “तू एक रंडी है, पैसा लेकर चोदने वाली। चुप चाप मुझे संतुष्ट कर, वर्ना शिक़ायत कर दूंगा!” मेरी आवाज़ में एक अलग सा जोश था।

वो कुछ समझ पति उसे पहले मेरा लैंड उसके मुँह में जा चूका था – जबरदस्त! वो मुझे हटाने का प्रयास कर रही थी, मगर मेरे लंड पर तो दीदी को चोदने का भूत सवार था। थोड़ी देर के बाद दीदी भी आराम से मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चुनने लगी। मैं आराम से उस टेबल पर पसर गया, और दीदी बोली, “भाई, तेरा लंड तो एकदम टेस्टी है!” मैं बोला, “चुओ इसे, पूरा रस निकाल दे!”

दीदी ने तेल की शीशी में से तेल मेरे लंड पे गिराया और अपने दोनों हाथों से मेरे लंड की मसाज करने लगी। बहुत मजा आ रहा था मसाज लेने में – उसके नरम हाथ मेरे लंड को रगड़ रहे थे। मैंने बोला, “दीदी, तेल से और गीला करो, पूरा लंड चिकना हो जायेगा!” वो बोली, “भाई, तू तो पूरा मजा ले रहा है!”

मैंने पूछा, “एक दिन में कितने लोगों से चुदवा लेती हो?” दीदी ने बोला, “2 से 3 लोगों से चुदवा लेती हूँ, बाकी सब लोग तो नॉर्मल मसाज करते हैं।” मैंने बोला, “तुझे हर क्लाइंट से कितना पैसा मिलता है?” दीदी ने बताया, “₹1500 चार्ज है, जिसमें से ₹500 हमें मिलता है। मगर कई बार क्या होता है, क्लाइंट एक्स्ट्रा चोदना चाहता है तो अगले राउंड के लिए हमें पूरा पैसा मिलता है।” वो थोड़ी शर्मा की बोली, “एक्स्ट्रा टिप भी देते हैं अगर मजा आ जाए!”

मैंने बोला, “तू तो एक नंबर की रंडी है दीदी!” दीदी हंसी और बोली, “हमारे घर की तो सारी औरतें ही रंडी हैं!” मैंने अंजान बन के पूछा, “क्या मतलब?” वो हंसने लगी और वापस से मेरे लैंड को चुनने लगी। उसने बोला, “तेरा लंड तो बहुत बड़ा और मोटा है। मुझे पहले पता होता कि तेरा इतना मोटा लंड है तो मैं घर में ही तुझसे चुदवा लेती हूँ!” मैं बोला, “अब तो पता चल गया ना, अब रोज़ चुदाई होगी!”

मैंने उसको बोला, “अब तो तुझे पता लग गया है ना, रंडी? हम रोज रात को मैं तेरी चुदाई करूंगा, और तू मेरे ही कमरे में सोया करेगी, समझी?” दीदी बोलीं, “भाई, तू तो पूरा प्लान बना के आया है!” मैंने उसके मुँह की चुदाई शुरू की – साथ में उसके बड़े-बड़े चूचे को अपने हाथों से मसल रहा था। मैंने बोला, “दीदी, तेरे चूचे तो एकदम रसीले हैं, इनको दबाने का मजा ही अलग है!”

मैंने अपनी दीदी को अपना ऊपर खींच लिया। उसने मेरा लंड अपनी चूत के मुहाने पे लगाया और आहिस्ता-आहिस्ता मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर लेने लगी। बहुत ही गरम चूत थी उसकी – उसकी चूत मेरे लंड को अपने दांतों से दबा रही थी। मैंने बोला, “वाह दीदी, तेरी चूत में तो बहुत गर्मी है! मजेदार चूत है एकदम – जैसे मेरे लंड को खा जाना चाहती हो!” दीदी बोली, “भाई, तेरा लंड तो मेरी चूत के अंदर आग लगा रहा है!”

मैं बोला, “ये काम मत करना, वरना तेरी चूत का भोसड़ा बन जाएगा और तेरे पति को मजा नहीं आएगा!” ये कह कर मैं हंसने लगा. दीदी ने मेरी छत पर हाथ रखा और अपनी चूत को ऊपर-नीचे करने लगी। वो बोली, “भाई, तू टेंशन मत ले, मेरी चूत तेरा लंड झेल लेगी!” बहुत मजा आ रहा था – वो लंड के अगले भाग तक जाती है और फिर मेरे लंड पर बैठ जाती है। पुरा लैंड उसकी चूत में अंदर-बाहर हो रहा था – मेरे लैंड में तो मानो आनंद बरसा रहा था। मैंने बोला, “दीदी, पूरा लंड अंदर ले, तेरी चूत को पूरी तरह भर दूँ!”

धीरे-धीरे दीदी भी अपनी स्पीड में आ गई और ज़ोर से अपनी गांड में लंड पे पटकने लगी। मेरे यार, उसकी गांड फट रही थी और एक मधुर संगीत गाया था – थप-थप-थप! मैंने बोला, “दीदी, तेरी गांड का ये म्यूजिक तो दिल जीत रहा है!” मैंने दीदी को अपनी और झुकाया और उनको ज़ोर से कस के गले लगा लिया। अब नीचे से मैं उनकी चुदाई ज़ोर से कर रहा था – दीदी की गाल निकल रही थी, “आह, भाई, क्या ज़ोर से पेल रहा है! अह्ह्ह्ह आराम से” उनकी बात सुन कर मेरा जोश और बढ़ रहा था।

दीदी बोली, “आराम से कर कुत्ते, आराम से! चोद मुझे – मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ। अब तो मैं तेरे लंड की दीवानी हो गई हूँ!” मैं बोला, “रात में तो मैं तुझे मेरी प्यारी दीदी की तरह चोदूंगा, लेकिन यहां पे मैं तेरा ग्राहक हूं। तुझे चोदना मेरा फ़र्ज़ है!” दीदी बोली, “भाई, तू तो पूरा प्रोफेशनल बन गया है – चोद मुझे, जी भर के चोद!”

दीदी अपने चरम पर पहुंच गई थी – उसकी टैंगो में कप-कप होने लगी और उसने खूब सारा माल मेरे लैंड पे छोड़ दिया। उसकी चूत से रस टपक रहा था – मैंने बोला, “दीदी, तेरा रस तो मेरी जान निकल रहा है!” मैंने खुद से अलग हटया और मेरे लैंड को चुनने के लिए बोला। एक बार फिर से मेरी रंडी दीदी ने मेरे लंड पर लगी हुई मलाई को चाट-चाट के साफ कर दिया। वो बोली, “भाई, तेरा माल तो एकदम मीठा है, पूरा खा जाऊं? मोटा हूं एक दम मसल जैसा”

अब मैंने दीदी को टेबल पर लेटा कर उनकी टैंगो को चौड़ा किया और उनको बिल्कुल टेबल के किनारे पे लेटा कर रखा था। मैंने अपने मोटे लंड को उनकी चूत के अंदर बसाया – अपना लंड उनकी चूत के अंदर होता हुआ देखकर बहुत मजा आ रहा था। दीदी की चूत पर एक भी बाल नहीं था – बाल्की साफ दिखाई पड़ रहा था कि मेरी जमीन उनकी चूत को चीरते हुए रास्ता बना रही थी। मैं दीदी के चूत के दाने को भी मसल रहा था – उनकी सिस्कारियों से मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैंने बोला, “दीदी, तेरा दाना तो एकदम टाइट है, इसको मसल-मसल के लाल कर दूँगा!”

मैं दीदी के दाने को मसल रहा था, साथ में उनकी चुदाई कर रहा था। दूसरे हाथों से मैं उनके चूचे को भाई-भारी दबा भी रहा था। दीदी को बहुत मजा आ रहा था – वो बोली, “आह, भाई, बहुत मजा आ रहा है! तू तो चोदने में एक दूसरे जानवर की तरह चोदता है – पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दे!” मैंने बोला, “दीदी, तू भी तो एकदम रंडी की तरह चुदवा रही है – तेरा बदन पूरा झूम रहा है!”

मैंने दीदी को इतनी ज़्यादा चोदना शुरू रखा – दीदी एक बार फिर से अपने चरम पे पहुँच गई थी। उन्हें चोदते हुए मुझे भी करीब 20 मिनट हो चुके थे – मेरा भी माल अब झड़ने ही वाला था। मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और दीदी की चूत पर अपना मुँह रखा। थोड़ी सी चूत चुदाई के बाद उन्हें पूरा माल मेरे मुँह पर ही झड़ दिया। दीदी बोलीं, “वाह यार, बहुत मजा आया! काई लोग आते हैं, चुदाई करते हैं और चले जाते हैं – मेरी भावनाओं का ध्यान नहीं रखते। लेकिन तू मेरा सच्चा भाई है कि अपनी बहन की भावनाओं का ध्यान रख रहा है!” मैंने बोला, “दीदी, तू मेरी रंडी है – तेरी चूत का हर एक इंच मेरा है!”

मैं बोला, “कोई बात नहीं, आ जा, तेरी और पोजीशन में चुदाई कर देता हूँ।” अब मेरी दीदी को खड़ा किया और उसकी एक तांग टेबल पर रखवाई और एक तांग ज़मीन पर। इस तरह से उनको एक अलग पोजीशन में मैंने आकर के चोदना शुरू किया – हम दोनों लोग किस भी कर रहे थे। दीदी हंस रही थी और बोली, “भाई, ये पोजीशन तो एकदम वाइल्ड है!” मैं वहां अलग ही उनकी चुदाई कर रहा था – चोदते-चोदते मैंने बोला, “दीदी, मेरा माल निकलने वाला है!” दीदी बोलीं, “कोई बात नहीं, अंदर कर दे – मैं भी साफ़ कर लूंगी और दवाइयाँ तो खा ही रही हूँ।”

मैने झट से दीदी को मेज़ पे घोड़ी बना दिया और ज़ोर से उनकी चुदाई करने लगा। पीछे से भयंकर धक्के दे रहा था – दीदी की गाल निकल रही थी, “आह, भाई, तू तो मेरी चूत फाड़ देगा!” जिसे मुझे और उनको चोदने का मन बनाने लगा। मैंने कुत्तों की तरह उनको चोदा – पूरा लंड उनकी चूत के अंदर-बाहर कर रहा था, थप-थप की आवाज से कमरा गूँज रहा था। मैंने बोला, “दीदी, तेरी चूत तो अब मेरी है – पूरा रस इसमें भर दूँगा!” और अपना माल उनकी चूत में गिरा दिया – एकदुम गरम रस से उनकी चूत भर गयी।

दीदी ज़ोर से हंसने लगी और बोली, “कुत्ते, इतने ज़ोर से चुदाई करेगी तो मैं तो दर्द के मारे बेहोश ही हो जाऊँगी!” मैंने बोला, “दीदी, ये तो शुरूआत है – अब रोज़ तेरी ऐसी ही चुदाई होगी!” मैं वापस घर की तरफ आ गया, और दीदी को फिर उस दिन के बाद मैं अब लगभाग हर रोज़ ही चोदा करता हूँ। अब वो मेरे कमरे में सोती है, और हर रात एक नई पोजीशन ट्राई करते हैं – कभी घोड़ी, कभी टेबल पे, कभी खड़े-खड़े!

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